मिथिलेश के प्रयासों से विलुप्त हो रही गौरैया की हुई घर वापसी
भोजन व आशियाना मिला तो होने लगी गौरैया की घर वापसी
बहराइच। तहसील मोतीपुर मिहींपुरवा के ग्राम पंचायत गुलरा के मजरा भज्जापुरवा निवासी प्रकृति प्रेमी मिथिलेश कुमार जायसवाल सन् 2005 से गौरैया संरक्षण का कार्य कर रहे ।मिथिलेश जायसवाल के अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है । इस वर्ष सबसे अधिक गौरैया का प्रजनन उनके द्वारा लगाए गए घोंसलों में हुआ है । जिससे अब गौरैया की संख्या काफी देखने को मिल रही है ।
मिथिलेश पहले गौरैया के लिए दफ्ती के घोसले लगाते थे । इसके बाद उन्होंने लकड़ी के वैकल्पिक गौरैया बॉक्स लगाना शुरू किया । फल स्वरुप 15 गौरैया बाक्स से दो बार में हुए प्रजनन में 100 से अधिक गौरैया के बच्चे निकले।
जिनकी चह चहाहट से आंगन द्वारा गुंजायमान है । मिथिलेश द्वारा किए जा रहे हैं गौरैया संरक्षण के कार्यों को देखने के लिए लखीमपुर बलरामपुर बहराइच श्रावस्ती तथा नेपाल आदि क्षेत्रों से लोग आते रहते हैं। मिथिलेश कुमार जायसवाल ने बताया कि बहुत खुशी की बात कि इस वर्ष हमारे घर के आस-पास लगे 15 गौरैया बॉक्स वैकल्पिक घोंसले में मार्च से 25 के बीच दो दो बार गौरैया ने प्रजनन किया । प्रत्येक घोंसले से 3 से 5 बच्चे तक निकले। सभी घोंसलों में कुल मिलाकर लगभग 100 के आसपास गौरैया के बच्चे निकले। इसके अलावा गौरैया बाक्स के अतिरिक्त स्थानों पर भी गौरैया ने अपना आशियाना बनाया उसमें भी गौरैया का प्रजनन हुआ । काफी संख्या में गौरैया बढ़ी है।यह हमारे लिए सुखद है कि वर्ष 2005 से 2022 तक के किए गए गौरैया बचाओ अभियान के कार्यों में सबसे अधिक गौरैया का प्रजनन वर्ष 2022 में हुआ। इसके साथ ही अन्य गांवों में जहां जहां हमने गौरैया बॉक्स लगवाए सब में दो दो बार प्रजनन इस वर्ष हुआ है । मिथिलेश ने बताया कि हमें बचपन से ही चिड़ियों से प्रेम था जो आज भी है ।
हमारे दिन की शुरुआत चिड़ियों की सेवा से होती है। प्रत्येक दिन सुबह सुबह चिड़ियों के लिए खाने पीने के लिए चावल नमकीन पानी आदि का इंतजाम करता हूं। हमने लगभग 200 गौरैया बॉक्स लोगों को वितरित किया है । इसके साथ ही अपने जन्मदिन तथा मित्रों के जन्मदिन पौधरोपण करता रहता हूं। ज्ञात हो कि मिथिलेश दोनों पैरों से दिव्यांग है । जीवन यापन के लिए परचून की दुकान का संचालन करते हैं। दुकान में होने वाली आमदनी को गौरैया संरक्षण पर खर्च करते हैं ।दिव्यांगता के बावजूद मिथिलेश प्रकृति पर्यावरण गौरैया संरक्षण तथा साहित्य सृजन का कार्य कर रहे हैं ।मिथिलेश के कार्यों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2020 में राज्य स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया था। इसके साथ ही अनेको पुरस्कार से भी इन्हीं नवाजा जा चुका है।