दुख जीवन के सब खो जाएं
सुख जीवन में सब आ जाएं
सुखमय हो सब यह जग सारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
भूख से कोई अब ना रोए
टूटी खाट नहीं कोई सोए
सबको रोटी मिले मकान
संग में कपड़ा और दुकान
गायों को मिले हरा हरा चारा
ऐसा हो नव वर्ष हमारा
ऐसा हो नव वर्ष हमारा
लूटपाट हत्या ना होवे
बिटिया ना अब इज्जत खोवे
लड़का लड़की भेद मिटाओ
सबको शिक्षा ज्ञान दिलाओ
बिटिया चमके बन कर तारा
ऐसा हो नव वर्ष हमारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
जीवन में खूब पेड़ लगाओ
छाया फल सब मुफ्त में पाओ
गौरैया सब झोंझ लगाएं
चूचू कह वो सुबह जगाएं
गौरैया से चहंके द्वारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
खुद हम अपनी सोच बनाए
ईर्ष्या घमंड सब दूर भगाएं
छोटा बड़ा न कोई माने
सब इंसान है यह सब जाने
कुशल रहे व्यवहार हमारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
ऐसा हो नववर्ष हमारा
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रचनाकार
मिथिलेश कुमार जायसवाल
पत्रकार गौरैया संरक्षक
मिहीपुरवा बहराइच उप्र,
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